मध्य प्रदेश

गंजबासौदा की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई, रात 12 के बाद बंद हो जाते हैं मेडिकल स्टोर

गंजबासौदा। शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह भगवान भरोसे चल रही है। हालात यह हैं कि रात 12 बजे के बाद पूरे शहर में दवा मिलना लगभग असंभव हो जाता है। शहर के सरकारी अस्पताल के आसपास मौजूद सभी मेडिकल स्टोर देर रात शटर गिरा देते हैं। अस्पताल परिसर में संचालित होने वाली जनसेवा मेडिकल भी बंद दिखाई देती है।

इमरजेंसी में बढ़ती परेशानी

रात के समय किसी भी मरीज को दवा की आवश्यकता होने पर परिजन घंटों भटकते हैं, लेकिन पूरे शहर में एक भी ऐसा मेडिकल स्टोर नहीं मिलता जो 24 घंटे खुला रहता हो। कई बार देर रात एक्सीडेंट, हार्ट केयर, गर्भवती महिलाओं या बच्चों को तत्काल दवा की जरूरत पड़ती है, लेकिन मेडिकल बंद होने के कारण मरीजों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है।

प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी भी बढ़ी

लोगों का आरोप है कि प्राइवेट अस्पताल संचालित मेडिकल अपने यहां दवाई देने से मना कर देते हैं। उनका कहना है कि पहले मरीज को उनके डॉक्टर को दिखाया जाए, तभी दवा दी जाएगी। ऐसे में जरूरतमंद परिवार डॉक्टर की फीस, जांच व अन्य शुल्कों के चलते लंबा-चौड़ा बिल चुकाने पर मजबूर हो जाते हैं। इससे गरीब व मध्यम वर्ग के मरीजों पर दोहरी मार पड़ती है।

कलेक्टर से गुहार

नगर के नागरिकों ने इस गंभीर मुद्दे पर जिला कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग की है। लोगों का कहना है कि गंजबासौदा जैसे बड़े कस्बे में कम से कम 2–3 मेडिकल स्टोर ऐसे हों जिन्हें 24 घंटे खुले रखने का लाइसेंस दिया जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में दवा तुरंत उपलब्ध हो सके।

जनहित की आवश्यकता, 24×7 हेल्थ सर्विस अनिवार्य

स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं समाजसेवियों का मानना है कि शहर में बढ़ते हादसों और लगातार बढ़ रही आबादी को देखते हुए 24 घंटे मेडिकल सेवा अब आवश्यकता नहीं, बल्कि अनिवार्यता बन चुकी है। यदि प्रशासन इस दिशा में तुरंत कदम नहीं उठाता, तो किसी दिन दवा न मिलने के कारण किसी मासूम की, किसी बुजुर्ग की या किसी गंभीर मरीज की जान भी जा सकती है, और इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के जिम्मेदार अधिकारियों पर आएगी।

स्थानीय लोगों की मांग

शहर में 24×7 मेडिकल स्टोर अनिवार्य किए जाएं।
सरकारी अस्पताल में रातभर उपलब्ध जनसेवा मेडिकल संचालित हो।
प्राइवेट अस्पतालों को जबरन जांच करवाने के लिए बाध्य करने पर रोका जाए।
इमरजेंसी मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए।

गंजबासौदा की जनता उम्मीद कर रही है कि प्रशासन इस जनहित के मुद्दे पर जल्द कदम उठाएगा, ताकि किसी मरीज को दवा के अभाव में कष्ट न झेलना पड़े।

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