मध्य प्रदेश

भाजपा के शासन में ट्रेन स्टॉपेज के लिए आज भी तरस रही कुरवाई विधानसभा

कुरवाई : विदिशा जिले की कुरवाई विधानसभा में मंडी बामौरा रेलवे स्टेशन एकमात्र स्टेशन होने के बावजूद यहां पर महत्वपूर्ण ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं होने से क्षेत्रवासियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सुबह 9 बजे के बाद भोपाल के लिए कोई सीधी ट्रेन उपलब्ध नहीं होती, जिसके चलते यात्रियों को 20 किलोमीटर दूर स्थित बीना रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है।

छात्रों और व्यापारियों को भारी परेशानी

कुरवाई विधानसभा से हजारों यात्री रोजाना विदिशा और भोपाल के लिए सफर करते हैं। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं प्रतिदिन अप-डाउन करते हैं, लेकिन ट्रेनों का स्टॉपेज न होने के कारण उन्हें समय पर पहुंचने में दिक्कत होती है। यही नहीं, कुरवाई का करीब 50 प्रतिशत व्यापार सीधे भोपाल से जुड़ा हुआ है, जिससे व्यापारियों को भी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

बीजेपी नेताओं के आश्वासन से नाराज क्षेत्रवासी

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश, जिला, लोकसभा और कुरवाई विधानसभा—चारों स्तर पर बीजेपी के जनप्रतिनिधि होने के बावजूद अब तक ट्रेन स्टॉपेज की समस्या का समाधान नहीं हुआ। हर बार केवल आश्वासन दिया जाता है, लेकिन हकीकत में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी कारण क्षेत्रवासियों में भाजपा नेताओं के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।

मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही ट्रेनों की कमी

मंडी बामौरा स्टेशन पर ट्रेनों का स्टॉपेज न होने से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को उठानी पड़ रही है। समय पर ट्रेन न मिलने के कारण मरीजों को इलाज के लिए देरी से अस्पताल पहुंचना पड़ता है, जिससे कई बार गंभीर स्थितियां बन जाती हैं।क्षेत्रवासियों ने ग्वालियर—भोपाल इंटरसिटी एक्सप्रेस, पंजाब मेल, भोपाल एक्सप्रेस, जीटी एक्सप्रेस, गोंडवाना एक्सप्रेस और सिंगरौली एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के मंडी बामौरा स्टेशन पर ठहराव की मांग की है। उनका कहना है कि इन ट्रेनों का स्टॉपेज होने से पूरे क्षेत्र के यात्रियों को राहत मिलेगी।

आंदोलन की चेतावनी

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। क्षेत्रवासियों ने रेलवे मंत्रालय और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई की मांग की है। मंडीबामौरा रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के स्टॉपेज की समस्या वर्षों से लंबित है। जनता अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कदम चाहती है। अगर जल्द ही मांग पूरी नहीं की गई तो क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन तेज हो सकता है।

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