मध्य प्रदेश

आने वाले दिनों में वंदेभारत, शताब्दी व राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड 130 किमी प्रतिघंटा से बढ़कर 160 किमी होगी

भोपाल
रेल प्रशासन ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने पर काम कर रहा है। आने वाले दिनों में वंदेभारत, शताब्दी व राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रतिघंटा से बढ़कर 160 किमी होगी। इससे भोपाल व दिल्ली जाने वाले यात्रियों के 25 से 30 मिनट तक की बचत होगी।

अभी दिल्ली से आगरा तक रेल ट्रैक की स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा की है। यहां गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेन 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रही है। वंदेभारत व शताब्दी एक्सप्रेस भी इसी स्पीड से इस सेक्शन में दौड़ रही है। धौलपुर से बीना तक 130 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ रही हैं।

ट्रेनों की स्पीड बाधित न इसके लिए बाउंड्रीवाल बन रही

हाईस्पीड सहित एक्सप्रेस ट्रेनों की स्पीड बाधित न हो इसके लिए झांसी मंडल के अंतर्गत धौलपुर से बीना के बीच रेल ट्रैक किनारे बाउंड्रीवाल बनाने का काम चल रहा है जहां अब तक बाउंड्रीवाल नहीं बन सकी है। बताया जा रहा है लगभग 200 किमी रेल ट्रैक किनारे बाउंड्रीवाल नहीं है। जिसके चलते मवेशी ट्रेनों की चपेट में आ जाते हैं। इससे ट्रेनों की स्पीड बाधित होती है।

ट्रैक पर लगाए जा रहे दिशा बदलने वाले स्विच

झांसी मंडल ने रेलवे ट्रैक पर टीडब्ल्यूएस (थिक वेब स्विच) लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लगने पर ट्रेनों की स्पीड के साथ सुरक्षा भी बढ़ेगी। साथ ही आने वाले दिनों में ट्रेनों की स्पीड 130 से बढ़कर 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार तक हो जाएगी। साथ ही लूप लाइन से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड 30 किमी प्रतिघंटा से बढ़कर 50 किमी तक हो जाएगी।

समय बचेगा: भारतीय रेल मिशन 160 किमी. प्रति घंटे पर कार्य कर रही है. वर्तमान में एलएचबी कोच वाली ट्रेनों की गति 110 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 130 किमी प्रति घंटा कर दी गई है. वहीं, शताब्दी, वंदेभारत, गतिमान और राजधानी जैसी ट्रेनों की गति को 130 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा करने की योजना है. इसके लिए रेलवे ट्रैक को मजबूत और तकनीक को अपग्रेड कर रहा है. गति बढ़ने से दिल्ली और भोपाल जैसे प्रमुख गंतव्यों के यात्रियों का यात्रा समय 25 से 30 मिनट तक कम हो जाएगा.

ट्रैफिक नहीं रोकना होगा: वर्तमान में रेल दुर्घटना या अन्य आपात स्थितियों में यातायात को रोकना पड़ता है, लेकिन तीसरी लाइन के शुरू होने से ट्रेनों को इस अतिरिक्त लाइन पर डायवर्ट किया जा सकेगा, जिससे यातायात बाधित नहीं होगा.

ओवर ट्रैफिक में कमी: तीसरी लाइन ओवर ट्रैफिक की समस्या को दूर करेगी। फिलहाल, एक ट्रेन रुकने पर पीछे की ट्रेनों को भी रोकना पड़ता है। नई लाइन बनने से ऐसी परिस्थितियों में ट्रेनों को डायवर्ट करके सुचारू रूप से चलाया जा सकेगा।

यात्री ट्रेनों की स्‍पीड बढ़ेगी: तीसरी लाइन पर मालगाड़ियों का संचालन होने से यात्री ट्रेनों के संचालन में अधिक गति और पंक्‍चुलिटी होगी.

बढ़ेगी ट्रेनों की रफ्तार, 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा गति करने का है लक्ष्य

412 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर चल रहा काम :
बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश राज्य में पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार के लगभग 412 किलोमीटर लंबे ग्रैंड कॉर्ड रेलवे ट्रैक पर काम चल रहा है. प्रधानखंटा से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक 412 किलोमीटर में से 231 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेंसिंग का कार्य पूरा हो चुका है. पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 200 किलोमीटर में से 110 किलोमीटर रेलवे ट्रैक फेंसिंग का कार्य प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंटेड स्लैब लगाकर पूरा किया जा चुका है. शेष 90 किलोमीटर का कार्य क्रैस बैरियर लगाकर शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा. धनबाद रेल मंडल में आने वाले 175 किलोमीटर ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड में सें 25 किलोमीटर लंबे घाट सेक्शन छोड़कर शेष 150 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेंसिंग की जानी है. इनमें से अब तक 121 किलोमीटर का कार्य प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंटेड स्लैब लगाकर पूरा हो चुका है. बाकी बचे 29 किलोमीटर का कार्य क्रैस बैरियर लगाकर अगस्त 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

कई ट्रेनों को मिलेगा हाई स्पीड ट्रेन का दर्जा :
गोमो. रेल पटरी के दोनों ओर फेंसिंग का कार्य पूरा होते ही ग्रैंड कॉर्ड सेक्शन पर कई ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जायेगी. वहीं कई ट्रेनों को हाई स्पीड ट्रेन का दर्जा मिल जायेगा. जानकारी के अनुसार ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड पर चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस तथा दुरंतो एक्सप्रेस को पहले हाई स्पीड का दर्जा प्राप्त था. इसे चलाने के लिए दो लोको पायलट मेल को डयूटी पर लगाया जाता था. रेलवे ने करीब डेढ़ से दो साल पहले उक्त ट्रेनों से हाई स्पीड ट्रेन का दर्जा छीन लिया. इस कारण इन ट्रेनों में अब एक लोको पायलट मेल के साथ एक सहायक लोको पायलट को डयूटी पर लगाया जा रहा है. क्योंकि रेलवे अब 130 किमी/घंटा से अधिक रफ्तार से चलने वाली ट्रेन को ही हाई स्पीड ट्रेन मान रहा है. रेल पटरी के दोनों ओर फेंसिंग कार्य पूरा होते ही ग्रैंड कॉर्ड सेक्शन पर चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों का रफ्तार बढ़ा कर हाई स्पीड ट्रेन का दर्जा दे दिया जायेगा. मालूम हो कि झांसी की ओर राजधानी एक्सप्रेस 140 किमी/घंटे के रफ्तार से फर्राटे भर रही है.

 

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