भोपाल में फर्जी शूटिंग रेंज का खुलासा , FIR दर्ज, क्लब सील

Bhopal Aryan Rifle Club : भोपाल कलेक्टर की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। शहर के बकरी फ़ार्म परिसर में अवैध रूप से संचालित हो रहे आर्यन राइफल क्लब को प्रशासन ने सील कर दिया है। जांच में सामने आया कि क्लब का संचालन शरीक़ बुख़ारी कर रहा था, जो न तो शूटिंग खिलाड़ी है और न ही गोल्ड मेडलिस्ट। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय निशानेबाजी संघ (National Shooting Association of India) ने भी शरीक़ बुख़ारी को नोटिस जारी किया है।
मध्य प्रदेश राइफल एसोसिएशन की कार्रवाई
मध्य प्रदेश राइफल एसोसिएशन के सचिव राकेश गुप्ता ने मामले को देखते हुए क्लब की मान्यता जांच पूरी होने तक निलंबित कर दी है। हालांकि, क्लब पर स्थायी प्रतिबंध या कठोर कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। विवादों के बावजूद शरीक़ बुख़ारी अभी भी भोपाल डिस्ट्रिक्ट राइफल वेलफ़ेयर सोसायटी के सचिव पद पर बने हुए हैं।
खिलाड़ियों के आरोप
राइफल शूटिंग से जुड़े खिलाड़ियों का आरोप है कि एसोसिएशन सचिव राकेश गुप्ता, जो स्वयं कराटे खिलाड़ी रहे हैं और शूटिंग के विशेषज्ञ नहीं हैं, वे ऐसे व्यक्तियों को संरक्षण देते हैं। खिलाड़ियों ने यह भी आरोप लगाया कि गुप्ता ने पहले भी इंदौर के मोशीन शेख जैसे आरोपित को एसोसिएशन से जोड़ा था, जिसे बाद में राष्ट्रीय राइफल संघ के हस्तक्षेप से हटाना पड़ा। सूत्रों का कहना है कि गुप्ता क्लबों से सालाना “फीस” लेते हैं और अब अपनी बेटी प्रियांशी गुप्ता को सह-सचिव बनाकर भविष्य में सचिव पद पर बैठाने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि वह कभी राष्ट्रीय दल का हिस्सा भी नहीं रही हैं।
अवैध हथियारों के सौदों पर शक
सूत्रों के अनुसार, शरीक़ बुख़ारी पर अवैध हथियारों की बिक्री के गंभीर आरोप हैं। खिलाड़ियों ने आशंका जताई है कि बुख़ारी ने हथियार “मछली गैंग” को बेचे हैं। यह गैंग कथित तौर पर ड्रग्स के धंधे, लड़कियों को लव जिहाद के नाम पर फंसाने और नशे की लत लगाकर अश्लील वीडियो बनाने जैसे अपराधों में लिप्त है। अगर इस मामले की गहन जांच की जाए तो बड़े खुलासे हो सकते है।
खेल शासन बिल का उल्लंघन
आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा पारित स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025 में स्पष्ट प्रावधान है कि खेल संघों की कार्यकारिणी में पहले अंतर्राष्ट्रीय और फिर राष्ट्रीय खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बावजूद मध्य प्रदेश राइफल एसोसिएशन में अब तक किसी भी राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी को न तो निर्णय प्रक्रिया में और न ही चुनावों में शामिल किया गया है। आलोचकों का कहना है कि यहां जवाबदेही कम और आर्थिक लेन-देन ज़्यादा है।
खिलाड़ियों की मांग
खिलाड़ियों का कहना है कि मध्य प्रदेश राइफल एसोसिएशन द्वारा दी गई सभी जिला स्तर की संबद्धताओं की जांच होनी चाहिए। अनुमान है कि इनमें से लगभग 50% क्लब अपराधियों से जुड़े पाए जा सकते हैं।



