मध्य प्रदेश

नेशनल लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन

अनूपपुर
म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी.सी. गुप्ता के मार्गदर्शन में शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायालय अनूपपुर एवं तहसील सिविल न्यायालय कोतमा/राजेन्द्रग्राम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला स्तर पर 06 खण्डपीठ, तहसील सिविल न्यायालय कोतमा हेतु 05 खण्डपीठ एवं राजेन्द्रग्राम हेतु 03 खण्डपीठ का गठन किया गया था। इस प्रकार जिले में कुल 14 खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिसमें प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में 452 प्रकरण रखें गए, जिसमें 250 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 29,26,377 रूपयें की राशि अवॉडिड की गई। इसी तरह न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में 793 प्रकरण रखे गए, जिसमें 678 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2,39,21,953 रूपयें की राशि अवॉडिड की गई।

जिला न्यायालय अनूपपुर में आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मॉ सरस्वती जी के चित्र में पुष्पमाला अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री मनोज कुमार लढ़िया, द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री नरेन्द्र पटेल, जिला न्यायाधीश श्रीमती मोनिका आध्या, प्रथम जिला न्यायाधीश श्री पंकज जायसवाल, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्रीमती चैनवती ताराम, न्यायिक मजिस्‍ट्रेट सुश्री अंजली शाह, न्यायिक मजिस्‍ट्रेट श्रीमती पारूल जैन, न्यायिक मजिस्‍ट्रेट सुश्री सृष्टि साहू, जिला अधिवक्ता बार संघ के अध्यक्ष श्री संतोष सिंह परिहार, सचिव श्री राम कुमार राठौर, शासकीय अभिभाषक श्री पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा, लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री रामकृष्ण सोनी एवं जिला अधिवक्ता संघ के समस्त अधिवक्तागण तथा जिला न्यायालय अनूपपुर के समस्त अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे।
 
सामाजिक कुरीति से अलग हुए दम्पत्ति, दोबारा मिले

उषा बनाम मधूर(परिवर्तित नाम) वर्ष 2018 में उक्त दम्पत्ति का विवाह हुआ जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें दो पुत्री प्राप्त हुई, परन्तु सामाजिक कुरीति दहेज उनके बीच विवाद का कारण बन गया और पति ने अपनी पत्नी को घर से निकाल दिया। जिसके बाद शनिवार को जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता एवं प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री मनोज कुमार लढ़िया द्वारा दम्पत्ति को समझाईश दी गई और उन्हें एक साथ जीवनयापन करने की सलाह दी गई। जिस पर दोनों पक्षकार सहमत हुए और राजीनामा के आधार पर राजी-खुशी एक साथ अपने घर गए। इस दौरान अधिवक्ता श्री अजित नापित और अधिवक्ता श्री तेजबली राठौर उपस्थित थे।

65 वर्ष की आयु में एक हुए दम्पत्ति

रमेश बनाम रश्मी(परिवर्तित नाम) वर्ष 2018 में हिन्दु रीति-रिवाज से दम्पत्ति का विवाह हुआ एवं वर्ष 2020 में पति का पत्नी पर शक करने की वजह से दोनों में विवाद शुरू हुआ एवं विवाद विवाह विच्छेद तक पहुंच गया। शनिवार को जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी.सी. गुप्ता एवं प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री मनोज कुमार लढ़िया द्वारा दम्पत्ति को समझाईश दी गई और दोनों राजी-खुशी अपने घर गए। इस दौरान पक्षकार के अधिवक्ता श्री विवेक कुमार सोनी उपस्थित थे।

शराब की लत ने किया अलग, लोक अदालत में हुआ मिलन

राकेश बनाम हेमलता(परिवर्तित नाम) वर्ष 2013 में हिन्दु रीति रिवाज से दम्पत्ति का विवाह हुआ। जिसके परिणाम स्वरूप दम्पत्ति के घर तीन पुत्रियों का जन्म हुआ, परन्तु शराब के नशे ने दम्पत्ति को अलग कर दिया, 6 माह अलग रहने के पश्चात शनिवार को जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री मनोज कुमार लढ़िया द्वारा दम्पत्ति को समझाईश दी गई एवं पति को नशे से दूर रहने की सलाह दी गई। जिस पर दोनों राजी-खुशी तैयार हुए और अपने घर साथ गए। इस दौरान पक्षकार की अधिवक्ता श्रीमती रेणु सोनी उपस्थित थीं।

नेशनल लोक अदालत ने दिलाया मुआवजा राशि

प्रेमलता बनाम बीमा कंपनी (परिवर्तित नाम) मोटर दावा दुर्घटना अधिकरण में चल रहे मामले का शनिवार को जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में निराकरण हुआ। पति की मृत्यु वाहन दुर्घटना में हो जाने से बेसहारा विधवा महिला को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से न्याय स्वरूप 40 लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पी.सी. गुप्ता एवं प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पंकज जायसवाल के प्रयासों से महिला को नेशनल लोक अदालत में अनावेदक बीमा कंपनी के माध्यम से 40 लाख रूपये की राशि प्रदाय की गई।

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